Saturday 23 September 2017

कवि कवियों से .... "एक सफ़र " ----- "केदारनाथ अग्रवाल"

                                                    ---- "केदारनाथ अग्रवाल"----

कवि  कवियों से .... "एक सफ़र "





१ अप्रैल १९११ को उत्तर प्रदेश के बांदा जनपद के कमासिन गाँव में जन्मे केदारनाथ का इलाहाबाद से गहरा रिश्ता था। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अध्ययन के दौरान ही उन्होंने कविताएँ लिखने की शुरुआत की। उनकी लेखनी में प्रयाग की प्रेरणा का बड़ा योगदान रहा है। प्रयाग के साहित्यिक परिवेश से उनके गहरे रिश्ते का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनकी सभी मुख्य कृतियाँ इलाहाबाद के परिमल प्रकाशन से ही प्रकाशित हुई।

प्रकाशक शिवकुमार सहाय उन्हें पितातुल्य मानते थे और 'बाबूजी' कहते थे। लेखक और प्रकाशक में ऐसा गहरा संबंध ज़ल्दी देखने को नहीं मिलता। यही कारण रहा कि केदारनाथ ने दिल्ली के प्रकाशकों का प्रलोभन ठुकरा कर परिमल से ही अपनी कृतियाँ प्रकाशित करवाईं। उनका पहला कविता संग्रह फूल नहीं रंग बोलते हैं परिमल से ही प्रकाशित हुआ था। जब तक शिवकुमार जीवित थे, वह प्रत्येक जयंती को उनके निवास स्थान पर गोष्ठी और सम्मान समारोह का आयोजन करते थे।

केदारनाथ अग्रवाल ने अपने जीवन काल में कई रचनाएँ  की है और इनकी रचनाएँ  थोड़ी हटके है  जिसमे प्रकृति और नारी का सौंदर्य बहुत चित्रित है | केदारनाथ अग्रवाल अपने जीवन रस का छककर  पान करने वाले कवि  है | सुख, सौंदर्य ,श्रम ,ये सभी उनकी जीवन काव्य मूल्यों के ढाँचे के भिन्न भिन्न रूप है | निसंदेह इनका स्त्रोत समाजवादी विचारधारा है | यह सुख और सामाजिकता से अलग या उसका विरोधी नहीं | बस इसका अनुभव अलग है इसका अनुभव निजी है | यह अनुभव हर कोई नहीं कर सकता है | वह अनावश्यक से संजय से, निष्क्रियता से दुसरो का हक मार लेने से नहीं मिलता | सुख केदारनाथ अग्रवाल के लिए मानवता का स्वाद था ,अस्तित्व का रस था | उनका जीवन - आचरण और कविता भी उसी प्राप्ति के लिए अनुशासित  और अनुकूलित थी | प्रेम हो तो साधना भी सिद्धि का आनन्द  देती है | केदारनाथ अग्रवाल प्रकृति और मनुष्य कों श्रम  -संस्कृति की दृष्टि और विचारधारा से चित्रित करते रहे है | उनके कविताओं में प्रकृति और मनुष्य का भण्डार है |


युग की गंगा, नींद के बादल, लोक और अलोक, आग का आइना, पंख और पतवार, अपूर्वा, बोले बोल अनमोल, आत्म गंध आदि उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं। उनकी कई कृतियाँ अंग्रेजी, रूसी और जर्मन भाषा में अनुवाद भी हो चुकी हैं। केदार शोधपीठ की ओर हर साल एक साहित्यकार को लेखनी के लिए 'केदार सम्मान' से सम्मानित किया जाता है।
इन सभी के अलावा उन्हें उनके जीवन में कई अन्य सम्मान  जैसे सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, साहित्य अकादमी पुरस्कार, हिंदी संस्थान पुरस्कार, तुलसी पुरस्कार, मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार आदि भी प्राप्त हुए हैं ।

केदारनाथ अग्रवाल बुंदेलखंड की प्रकृति , वहाँ  के जान जीवन ,लोकगान ,वहां की लय ,भाषा और तान से जुड़े हुए है जिनका प्रमाण उनकी रचनाओं में उभरकर खुद नज़र आता है | उनकी रचनाएँ  धर्मिता में  बुंदेलखंड अपनी समग्रता में बसा हुआ है | यह सारा रचाव -बसाव कवी और अभिव्यक्ति के हृदय में  है और रहेगा भी |

केदार जी जिंदिगी की सच्चाई की लड़ाई के कवी है | जिंदिगी की सच्चाई की लड़ाई में  विरोधी शक्तियों की मक्कार बर्बरता से संघर्ष करते कभी कभी निराशा और हताशा के भी छड़ों में निकल जाया करते  थे |

(मार्क्सवाद की रोशनी में केदारनाथ जी की कविता)

 दोषी हाथ
हाथ जो
चट्टान को
तोडे़ नहीं
वह टूट जाये,

लोहे को
मोड़े नहीं
सौ तार को
जोड़े नहीं
वह टूट जाये।



केदार जी की ऐसी कई कविताएँ  है जो सोचने पर पाठकों को विवश कर देती है और यही विवशता का दूसरा नाम कविता जगत में  केदारनाथ अग्रवाल है और साथ ही साथ केदार जी की कविता की विकास यात्रा ही , हिंदी की प्रकृतिशील कविता की विकास यात्रा का शंखनाद करती है |

6 comments:

  1. बहूत सही लिखा है। यह जानकारी के लिए धन्यवाद।

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  2. खूप सुंदर लिहिलं आहेस दोस्ता । कमी शब्दात उत्तम मांडणी केली आहेस। तुझ्या पुढील लेखन प्रवासासाठी खूप साऱ्या शुभेच्छा

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  3. खूप सुंदर लिहिलं आहेस दोस्ता । कमी शब्दात उत्तम मांडणी केली आहेस। तुझ्या पुढील लेखन प्रवासासाठी खूप साऱ्या शुभेच्छा

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  4. सबसे पहले ब्लॉग का डिझाईन बहोत आकर्षक है । आपने जो जानकारी ब्लॉगपे अपलोड की है वो बहोत उपयुक्त है । कवी और कविताओ की संख्या जैसे जैसे बढती जाएगी, ये ब्लॉग बहोत लोकप्रिय होगा ।

    मेरा सिर्फ एक सुझाव है की जैसे कई वेबसाईट्स पे है वैसे सारे कवियोंके नामकी सूची ब्लॉग के एक तरफ होनी चाहीये, जिससे पढनेवाला किसी भी कवीकी जानकारी तथा कविताए पढ सके ।

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  5. Couldn't read anything this exceptionally well written anytime soon. Amazingly written, informative and well structured. Looking forward to more worth reads.

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